वह चलती है तो चलने दे
राहों को भी बदलने दे
वह छोटी भोली भाली गुड़िया है
उसे डगर डगर पर मचलने दे।।
उससे उसकी पंख खिलेगी
साहस और धैर्य बढ़ेगी
और आने वाली बाधाओं से
तभी तो सहजता से लड़ सकेगी।।
और योग्य कुशल बलशाली होगी
आंखों में अंगार लिए बाधाओं से भिड़ेंगी
किसी को धीतकारते किसी को पुचकारते
उच्च शिखर पर तभी तो चढ़ेगी।।
और नव नया नवेला सोला बनके
कभी झांसी तो कभी आग का गोला बनके
किसी से भी टक्कराने की साहस करेगी
जब उसे पंछी की भांति उड़ने देगी-२।।
नाम :- संदीप कुमार
पता :- दियारी (मजगामा)
जिला :- अररिया (बिहार)
फोन नं :- 7549995604
जीमेल :- jisandeepkmandal@gmail.com
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