शुक्रवार, 15 जुलाई 2022

जब मिट जाती हैं पटवन से प्यास

 सूखकर भूमि किसान का

पानी को हो जाते हैं त्रास्त

तब जाकर बादल हैं आते

जब मिट जाती हैं पटवन से प्यास।।

अच्छी खासी आंधी भी साथ है लाते

कर देते हैं अच्छे खासे फसल को बर्बाद

बेचारे किसान सर पटक - पटक रोते

तब सरकार देती आश्वासन की सौगात।।


मिलते नहीं छनिक सी भी खुशी

की चाटुकार देते हाथ पसार

मेरी भी हिस्सा दे दो

भैया मेरे किसान सरदार।।


तुम ही मालिक हो तुम्हीं हो अन्न आहार

तुम से ही खुश है मेरे नन्हे-मुन्ने पालनहार

तुम्हारे बिन कुछ भी नहीं एक फूटी कौड़ी तक

तुम जलते हो तो रोशन होता है मेरा घर परिवार।।


चीख कर मर जाते,सुनते नहीं कोई पुकार

अन्नदाता निभाते कैसे,इतने बड़े किरदार

घर चलाते,खुश हैं रहते,भरते पेट लाखों हजार

सचमुच वह किसान नहीं, भगवान का है अवतार

सचमुच वह किसान नहीं, भगवान का है अवतार।।


नाम :- संदीप कुमार

पता :- दियारी (मजगामा)

जिला :- अररिया (बिहार)

फोन नं :- 7549995604

जीमेल :- jisandeepkmandal@gmail.com

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

जब मिट जाती हैं पटवन से प्यास

 सूखकर भूमि किसान का पानी को हो जाते हैं त्रास्त तब जाकर बादल हैं आते जब मिट जाती हैं पटवन से प्यास।। अच्छी खासी आंधी भी साथ है लाते कर देते...