सोमवार, 20 जून 2022

जो कल तक हंसता था अगर आज वह मौन है

 जो कल तक हंसता था

आज अगर वह मौन है

Sandeep Kumarतो समझ जाना

इसका दिल हो गया गौन है।।


कोई उड़ा दी है निंद इसका

अब आता निंद नहीं निंद ढोंग है

उसका काया ना उसके साथ है

वह धूम रहा उस जोन में है।।


वह बेहोश मगरुर चुर चुर 

दिखता जैसे रोश में है

वह नशा ही ऐसा है कि 

रह पाता ना कोई होश में है।।


खो देता है सारा आलम

हो जाता बेहोश है

डेबिट क्रेडिट खाली कर देता 

तब आता होस में है।।


तब तक बहुत देर हो जाता 

खो जाता सारा आलम है

बन जाता बुद्धू भैया 

तब समझ में आता हम बालक है।।


नाम :- संदीप कुमार

पता :- दियारी (मजगामा)

जिला :- अररिया (बिहार)

फोन नं :- 7549995604

जीमेल :- jisandeepkmandal@gmail.com

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